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Tuesday, 29 April 2025

आखिर कैसे बने अनिरुद्ध कुमार पांडेय प्रसिद्ध कथावाचक श्री प्रेमानंद जी महाराज

आखिर कैसे बने अनिरुद्ध कुमार पांडेय प्रसिद्ध कथावाचक श्री प्रेमानंद जी महाराज
 

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज: राधा भक्ति के अद्वितीय संत

श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज, जिन्हें प्रेमानंद जी महाराज के नाम से भी जाना जाता है, वृंदावन के एक प्रमुख राधा-कृष्ण भक्त संत हैं। उनका जीवन, त्याग, भक्ति और आध्यात्मिक साधना का प्रतीक है, जो आज के समय में लाखों भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

प्रारंभिक जीवन और संन्यास की ओर यात्रा:
प्रेमानंद जी महाराज का जन्म 1972 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के सरसौल ब्लॉक के अखरी गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। उनके परिवार का वातावरण अत्यंत सात्विक और भक्तिपूर्ण था। 13 वर्ष की आयु में उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग कर संन्यास ग्रहण किया और आध्यात्मिक साधना के पथ पर अग्रसर हुए।

वृंदावन में आध्यात्मिक जागरण:
काशी में शिव भक्ति के पश्चात्, वे वृंदावन आए, जहाँ एक संत के आग्रह पर उन्होंने रासलीला का दर्शन किया। इस अनुभव ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। वृंदावन में उन्होंने राधावल्लभी संप्रदाय के श्री हित गौरांगी शरण जी महाराज से दीक्षा ली और "सहचारी भाव" तथा "नित्य विहार रस" की साधना में लीन हो गए।

भजन मार्ग और सत्संग:
प्रेमानंद जी महाराज ने "भजन मार्ग" के माध्यम से भक्तों को राधा-कृष्ण भक्ति का मार्ग दिखाया। उनके भजन, प्रवचन और सत्संग आज भी लाखों लोगों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं। उनका यूट्यूब चैनल "Bhajan Marg" भक्तों के लिए एक प्रमुख माध्यम है।

सामाजिक सेवा और राधा केली कुंज ट्रस्ट:
2016 में उन्होंने "श्री हित राधा केली कुंज ट्रस्ट" की स्थापना की, जो वृंदावन में तीर्थयात्रियों को आवास, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा सेवा आदि प्रदान करता है। यह ट्रस्ट समाज के उत्थान और सेवा के लिए समर्पित है।

विवाद और संत समाज में प्रतिष्ठा:
2024 में, कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा राधा रानी के जन्मस्थान पर की गई टिप्पणी के विरोध में प्रेमानंद जी महाराज ने सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ब्रज उपासना की महत्ता को रेखांकित करते हुए संत समाज की भावनाओं का प्रतिनिधित्व किया। बाद में, प्रदीप मिश्रा ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और बरसाना में राधा रानी के मंदिर में क्षमा याचना की।

निष्कर्ष:
श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का जीवन राधा-कृष्ण भक्ति, सेवा और साधना का अद्वितीय उदाहरण है। उनकी शिक्षाएं और जीवनशैली आज के युवाओं को आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा देती हैं। Azad Hind Today News उन्हें उनके अद्वितीय योगदान के लिए नमन करता है।

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